प्रभु जी को भी कभी कभी पता नहीं कौन कौन सा सनक सवार हो जाता है , आज कहा नारद तुम तो भ्रमण करते रहते हो , कभी कभार कुछ खिला पीला भी दिया करो , की सेंत-मेंत में ही हमारी कृपा हमेशा पाते रहोगे ?? कृपा तो छोडो आजकल तो कोई वोट भी नहीं देता सेंत में जाकर पृथ्वी पे देखि तब पता चलेगा .
मैंने पूछा , प्रभु आज्ञा दो आपकी लंबी जीभ के लिए तो कुछ भी करूँगा आखिर आप सत्तासीन जो है . अमरावती के स्वादिस्ट फल लाऊं क्या ???
विष्णु : नहीं , इन्द्र एहसान जमाता है बदले में कुछ मांगता है , पूरी तरह चालबाज़ हो चूका है , जब देखो तिकडम में लगा रहता है , एक बात बताओ , अगली बार कब होगा भारत में सर्वदलीय इफ्तियार पार्टी ???? उसी का पास दिला दो , सुना है बड़ा अछ्छा इन्त्जाम होता है .
मैंने कहा : प्रभु पास तो मिल जायेगा, लेकिन कई समस्याएं हैं , सब चोर - पार्टी सप्ताहांत मनाने चली गयी है अन्ना को चकमा देने के चक्कर में , और पास बिना चोरों की सरदारन मम्मी जी के पावँ दबाए बिना मिलना मुश्किल है जो की अभी बिदेश में सैर सपाटे पे हैं . क्या आप हाथ गंदे करेंगे ??? वहाँ तो सब करते हैं बड़े प्रेम से उनका पावँ तो छोडिये सब उनके डुप्लिकेट सुपुत्र अमूल बेबी का भी पाव धोते हैं , वहा तो वो जो बोल दे वही सर्व्प्रथम है , इतना तो लोग आपको स्वर्ग में भी नहीं पूछते ..
वैसे प्रभु आपकी जीभ इतने लभी कैसे हो गयी ???
विष्णु : नारद !!!!!!! अपनी हद में रहो , इससे तो बेहतर है होता की मै भारत के वर्त्तमान सरकार के मम्मी के यहाँ पैदा होता , तुम जैसे बड़बोलो के बोल तो नहीं सुनने पडते .
मैंने कहा : प्रभु जब आपको सब पता है ये नाराज़गी मुझपे क्यों ??? आखिर मै भी इस सृष्टि के रचयिता का पुत्र हूँ , थोडा बड़बोलापन तो बनाता है न प्रभु ?? .
विष्णु : आज के बाद तुम्हारा पृथ्वी पे जाना बंद , पता नहीं कौन कौन से टोने लगवा के आ जाते हो वहाँ से . बस आखिरी बार जाओ , फिर आगे कुछ न कहूँगा .. तुम्हे जो भी चीज तुम्हारे जीभ को अछ्छी लगे लेते आना .....
अब मै चला पृथ्वी की ओर..........
पहुंचते ही , देखा सारी जनता एक ओर कही जा रहें हैं , मैंने पूछा आप लोग कहा जा रहे हो मनुष्य और किसलिए ??
निरीह जनता : क्या बताएं यार , एक आधा अंग्रेज -आधा भारतीय , किसी पुरे अंग्रेज के पेट से पैदा हो के संसद में अंड बंड बोलता रहता है , ४१ का हो चूका है , खानदान चलाने की छमता तो गयी उसकी और देश चलने की बात करता है . चलो तुम भी चलो , लेकिन अपना ये गाना बजाना मत करना वहां , बोलने तो देगा नहीं कोई, तुम चल पड़े सारंगी ले के , ऐसा कुछ किया तो पिटे जाने की पूरी संभावना है .
मैंने कहाँ भाई , मै तो कोई स्वादिस्ट चीज खोजने निकला हूँ ,
बोला तो स्वर्ग क्यों नहीं चले जाते ??यहाँ की स्वादिस्ट चीज है आश्वाशन , चालबाजी , कमीनापन , चलेगा ??
अब मै क्या बताता ??? मै भी हो लिया साथ में ..
पहुचते ही कोई स्वादिस्ट चीज मिली , चहक के खाया , पूछा ये क्या है भाई ???
" ये अपने पकौड़ी लाल के यहाँ का समोसा है , खाओ दबा के - और अभी बीच में पानी मत पीना "
मैंने कहा भाई तुम्हारा नेता तो अछ्छा है , समोसे खिलाता है नाहक ही तुम लोग गालिया देते हो भाई . ये भी कोई सभ्यता है ???
मनुष्य : खाक का अछ्छा है ?? करोडो उठा के जमा कर रखा है , २००-४०० के समोसे भी न खिलाएगा ?? सोचता है की समोसे खिला के जनता को पटा लेगा , अपनी मम्मी से भी जादा मुरख है वहा अन्ना अनशन पे है और ये सब चोर समोसे घर में रखे हुए हैं , खाओ जम के , इसी का खाके फिर नारा लगाना है ..
मैंने तो जम के खाया , अपनी सारंगी उठाई , और दो चार फेटें में भी डाल लिया प्रभु के लिए , नारा लगाते प्रस्थान कर दिया " अन्ना तुम अनशन करो - समोसे हमारे (सरकार ) पास है .
कमल
२६ / ०८ / २०११
No comments:
Post a Comment