नारद: कौन बनेगा करोरपति और मम्मी जी की टीम

Monday, August 22, 2011

कौन बनेगा करोरपति और मम्मी जी की टीम


आज कल एक सीरियल चल रहा है "कौन बनेगा करोंरपति ", ये खबर उड़ते उड़ते सरकार के पास भी पहुची, तुरंत आनन फानन मम्मी जी ने एक मीटिंग बुलाई और पूछा की कोई जाना चाहेगा ??? इस कपि सुब्बू  ने मुह बिचकाते हुए कहा, समय की बर्बादी है, कोई एक-दो करोर तक तो कोई पहुचेगा नहीं, उसके लिए सुना है की कामन सेन्स चाहिए होता है, दूसरी बात ये है की मम्मी जी मान लीजिए कोई एक आध करोर जीत भी गया तो उससे क्या होगा, इससे कोई गुना तो अपने "रजा " मजा मजा में ले आते है, अपने पास तो पूरी फ़ौज है पैसों के लिए, और मेहनत भी नहीं करना होता है, बस इधर का माल सीधे स्विस में डाल दो, बस कभी कभार कोई बूढा भगत बिना बाल बच्चों वालों की नजर पड जाती है  तो कोई बात नहीं सम्हाल लेंगे, वो क्या जाने की हम मरने के बाद कुछ तो ऊपर और कुछ अपने बच्चों के लिए और मम्मी जी आप भी तो हैं, के लिए  छोड़ जातें हैं .  

मम्मी जी ने कहा - इसकी खबर तो मुझे विदेश में ही  मिल गयी थी  जब मै अपने टेंशन का इलाज करने गयी थी, बूढा बहुत चिल्ला रहा है, चिल्लाने दो, देखते हैं कितना चिल्लाता है, उसको नहीं पता की हम भी पुरे "निघर्घट" हैं, और इस सब का असर पडने से तो रहा , क्यों दिग्गी ??? दिग्गी की और देखते हुए कहा .. दिग्गी ने कहा, जी मम्मी जी बात तो सही लेकिन मुझे जाने दीजिए . आपको तो पता ही है जब से मध्य प्रदेश की जनता ने मुझे लात मारा है मै विछिप्त सा हो गया हूँ कुछ भी उल जलूल बोलता रहता हूँ, और कोई पद होता तो रोजी रोटी चल जाती, यहाँ तो इसके भी अवसर नहीं बस आपके रसोईं से जो बचा कुछा बच जता उसी से हम और हमारे बाल बच्चे गुजर कर रहें हैं .

इतना सुनते ही मम्मी जी ने करुनामय आँखों से कहाकी रोना मत दिग्गी, आज के बाद इस बात से तुम्हे दो पाव रोटी जादा दी जायेगी और कुत्ते का बिस्कुट भी मंगवा लेती हूँ, फिर भी तुम जाना चाहते हो तो जाओ  ... मै  सच्चर जी से बोल दूंगी, आखिर पुराने सम्बन्ध जो ठहरे हमारे उनसे .

तभी कही से दारू के नशे में मनि टावर  जी झूमते हुए आ गए, बोले नहीं मम्मी नहीं !!! मेरी जनरल नालेज जादा है दिग्गी से, मै तो सब जनता हूँ जो कोई नहीं जनता , यहाँ तक की बूढा  भ्रष्ट  है ये बात भी सबसे पहले मुझे ही पता चली थी, दिग्गी को क्या पता, इसको तो भौकने से फुर्सत ही नहीं मिलती. सुनते ही दिग्गी आग बबूला हो गए और एक हाथ मनि टावर का कालर और दूसरे हाथ से मम्मी जी का पावँ पकड़ लिया ..

.ये सब देख कपि  कुटिल मुस्कान में बोले, यार इतना जोर जोर से मत चिल्लाओ, एक तो वैसे ही परेशांन हैं हम सब  बूढा के  डंडा से, ऊपर तुम्हारी आवाज जनता तक पहुची तो तुम दोनों तबेला में चले जाओगे,..तभी मम्मी  जी की बाई प्रतिमा आ गयी, बोली आप लोग भूखे पेट हो इसलिए लड़ रहे हो, रुको मै कुछ बनाती हूँ, तब  कही जा के खाने के नाम पर महौल ठंडा हुआ ...

कमल २२ / ०८ / २०११

3 comments:

Unknown said...

लगे रहिये कमल भाई.. http://factedu.co.in

Unknown said...

लगे रहिये कमल भाई..
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Unknown said...

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