मनमोहन जी न देश कि जनता का मन मोह पाए न ही अपने युवराज का. एक तरफ जहाँ वो यू एन ओ मे अपने रोबोटिक्समय अंदाज मे अटलजी का पुराना भाषण दोहरा कर कुछ नया करने कि जहमत उठाने कि कोशिश नहीं कि, वहीँ दूसरी तरफ भारत मे राहुल जी उनके मसौदो को नोंसेंस कह के कह उनका सम्मान बढ़ाया. जी हाँ सम्मान ही है, क्योकि कोंग्रेस मे "राहुल सत्य और सब मिथ्या" है.
- खैर कोंग्रेस मे कुछ भी हो सकता है. एक तरफ जहाँ राघव जी जैसे लोग बी जे पि से भगाए जाते हैं, वही दूसरी तरफ अपने संवैधानिक पदका दुरूपयोग कर ग्रांड मस्ती फिल्म बनाने वाले मनु सिंघवी को प्रवक्ता बना दिया जाता है. कोंग्रेस अनन्त, कोंग्रेस कथा अनन्ता.युवराज के इन हरकतों से मनमोहन जी का छोटा सा कद और लिलिपुटमय हो गया है , यहाँ तक इंटरनेशनल मिडिया भी उन्हें झंडू समझ कर कुछ भी कह रही है. और ये गलत भी नहीं, क्योकि जिस लुगाई का घर मे ही न इज्जत हो उसको बाहर वाले क्या समझेंगे आप लोग ही बता सकते है.मनमोहन जी जब यू एन ओ मे पूर्व प्रधान मंत्री अटल जी का पक्ष रखने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री नवाज शरीफ ने मनमोहन को "देहाती औरत" कहा. जो काना फूसी करने कि आदत रखती है. निश्चित ही नवाज को पता है कि मनमोहन कि इज्जत भारत कि जनता मे ही नहीं बल्कि उनके पार्टी मे भी दियो कौड़ी कि है जिसका एक्शन नॉन सेन्स कह के कूड़े मे डालने का सुझाव उन्ही के पार्टी के मालिक कहते हैं. ये देहाती औरत वाली बात इंटर नॅशनल मीडिया मे उछला है ये इनदिन मिडिया नहीं दिखाने वाली, क्यों ? आप समझदार है समझ जाईये, हाँ सोशल मिडिया जरूर बता रही, शायद इसीलिए सरकार शोशल मिडिया पे इतना भन्नाती रहती है.वीडियो :- मनमोहन सिंह देहाती औरत है : नवाज शरीफमनमोहन कि स्थिति उस लडकी कि तरह हो गयी है, जो अपने प्रेमी के साथ मा बाप के खिलाफ घर से भाग चुकी है लेकिन प्रेमी भी दगाबाज निकला और नॉनसेन्स कह उसे करनी को दुत्कार दिया.अब देखना है इंटरनेशनल देहाती औरत भारत के एक पार्टी के "रखैल" बनते है या या गरिमा बचाने के लिए अपने मर्द के मुह पे एक जोरदार तमाचा मार अपना गौरव वापिस लाते है. हालाकि मुश्किल ही दीखता है.सादरकमल कुमार सिंह
1 comment:
बहुत सुन्दर प्रस्तुति.. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा कल - सोमवार - 30/09/2013 को
भारतीय संस्कृति और कमल - हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः26 पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया पधारें, सादर .... Darshan jangra
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