नारद: न्यायप्रिय मोदी

Saturday, September 1, 2012

न्यायप्रिय मोदी


देश के  इतिहास मे पहली बार किसी को  साम्प्रदायिक सामूहिक  हिंसा के अपराध पे  सजा हुयी है, भले ही ये हिंसा किसी दूसरे साम्प्रदायिक गिरोह के प्रतिक्रिया स्वरुप हुयी हो. 
जहाँ आजकल सत्ताधारी अपने अपने मंत्रियो को एक केन प्रकारेण बचाने की सारी जुगत भिड़ा देते हैं, न्याय प्रक्रिया मे बाधा पहुचातें हैं वही  मोदी जी ने बता दिया की अपराध के लिए गुजरात मे कोई स्थान नहीं है है भले ही वो उनका मंत्री हो. वो चाहते तो शायद न्याय व्यवस्था मे दखल दे सकते थे , जैसा की कोंग्रेस आज तक करती आयी है, लेकिन नहीं, कोई भी जगह सभी धर्मो का है , मानने वाले मोदी जी ने अपने आपको इससे दूर ही रखा. वो बात अलग है की जेहादी मुसलमान बस इस्लाम मनता है , धर्म मानता है न की देश या जगह. 

एक तरफ मोदी जी की गुजरात सरकार है जो षड्यंत्र मे शामिल होने वालो को नहीं बख्शा , वही दूसरी तरफ एक कोंग्रेस की नेता फौजिया खान है जिन्होंने आतंकवादी आबू को अपने यहाँ पनाह दी थी लेकिन किसी ने चूं तक न की, न ही सेकुलरों ने न ही मिडिया ने, करे भी क्यों ?? इस्लाम या इस्लामी आतकवाद के  खिलाफ बोल के भाई चारा थोड़े न कम करना है, उनके ऊपर कार्यवाही भी शायद ही हो.    

अब पहले जान लिया जाए की बजरंगी जैसे लोगो कि उत्त्पत्ति कैसे होती है ?? 

महान वैज्ञानिक न्यूटन के बहुत सालो पहले एक नियम दिया था, "क्रिया प्रतिक्रिया का नियम"  या आईन्स्टीन ने सापेक्षवाद का नियम दिया था, यानि चीजे तभी संतुलित हो सकती है जब क्रिया बराबर हो नहीं तो जहाज  डूब जायेगा. 

गोधरा मे जब कार सेवको कोमुसलमान समुदाय द्वारा जिन्दा जला दिया गया, तो बजरंगी जैसे आदमी ने अपनी प्रतिक्रिया दी, मै हिंसा की वकालत बिलकुल नहीं करता, लेकिन कहा गया है की क्रोध मे आदमी अपने सगे तक को भूल जाता है, वो तो सामूहिक हिंसा थी. 

ये भी ध्यान हो , सिख्ह भाईयों के ऊपर किये गए अत्याचार पर भी अत्याचारियो को कोई सजा अभी तक नहीं मिल पायी है, जबकि बड़ी बेशर्मी से राजीव गांधी द्वारा का दिया  गया था की "जब कोई बड़ा पेड गिरता है तो हलचल होती ही है" 

ध्यान रहे की कश्मीर से भगाए गए पंडितो को भी आज तक कोई न्याय नहीं मिल पाया है और आजतक वो भाता रहे है. 

 ध्यान देने योग्य बात है की मुंबई के अमर जवान ज्योति को तोडने वाला जब  गिरफ्तार किया जाता है तो कोंग्रेस सरकार का एक कमिश्नर गिरफ्तार करने वाले को गन्दी गन्दी गालियाँ देता  है. 

ध्यान देने योग्य बात है की प्रतापगढ़ मे बाल्त्कारी को सजा दिलवाने से पहले कोंग्रेस समर्थित सपा के मंत्री पहले बाल्त्कारियो और उनके समुदायों को राहत और मुवावजा देने की बात करते है . 

ध्यान देने योग्य बात है की शिव भक्त कावड़ियों पर हमला करने वालो के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं बल्कि उलटे हिंदू समुदाय के लोगो को जेल मे ठूंसा जाने लगता है . 

ध्यान देने योग्य बात है की नमाज के लिए एक गुरु द्वरा तो मुसलमानों का स्वागत कर देता है लेकिन यही मुसलमान, अपनी मस्जिद मे पनाह लिए हुए हिन्दुओ को निकाल भगाया था, और मरने के लिए छोड़ दिया. 

ध्यान देने योग्य बात है की मायावती अपनी मूर्ति के लिए हाय तौबा तो मचाती है और सपा सरकार तत्काल कार्यवाही करती है, लेकिन उन्ही के भगवान  बुध्ध की मुर्ती तोड़ दी जाती है, जबकि सत्ता और मिडिया खामोश मूर्ति बनी रहती है. 

ध्यान देने योग्य बात है पुणे के बम विस्फोट मे शक जब  दयानंद पे गया जो की निराधार था तो, सरकार ने उसको गिरफ्तार किया और मिडिया ने खूब उछाला, जबकि तबी इस्लामी संघटन की बात सिद्धद होते ही सरकार और मिडिया दोनों चुप हो गयी. 

इतने दोहरे मानक वाले सत्तावों  के बीच मोदी जी ने ये सिध्ध कर दिया है की असली निरपेक्षता क्या होती है. 

भगवन से अब यही प्रार्थना है की दुबारा इस्लाम प्रायोजित कोई दंगा न हो और किसी दूसरे बजरंग को न पैदा करे. यदि दुबारा कुछ ऐसा हुआ तो बजरंग जैसे लोग भी पैदा होंगे ही और इसमें किसी का कोई दोष नहीं होगा. 

3 comments:

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ said...

बहुत ख़ूब!

एक लम्बे अंतराल के बाद कृपया इसे भी देखें-

जमाने के नख़रे उठाया करो

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज रविवार (2-09-2012) के चर्चा मंच पर भी की गई है!
सूचनार्थ!

virendra sharma said...

नारद जी ,मोदी जी को कोसने वाले सबके सब "आतंकवादी सेकुलर" हैं .इस देश में सेकुलर का मतलब अब आतंक वादी ही हो गया है .और आतंकवादी का सेकुलर .कसाब भाई साहब सेकुलर हैं देख लेना उनकी फांसी कागज़ पे बनी रहेगी .