नारद: केजरीवाल की नयी माशूका

Monday, October 8, 2012

केजरीवाल की नयी माशूका


इंसान का मन बड़ा चंचल होता है, गीता में अर्जुन के संशय को भंग करते हुए कृष्ण ने बड़ी अच्छी बात कही है :

गीता श्लोक –6.35
असंशयं महाबाहो मनो दुर्निग्रहम् चलम्|
अभ्यासेन तु कौन्तेय वैराग्येण च गृह्यते||

अर्थात … ..हे महाबाहो!तुम जो कह रहे हो वह सत्य है लेकिन मन की चंचलता अभ्यास योग से मिले वैराज्ञ प्राप्ति से दूर होती है और मन परम सत्य पर स्थिर हो जाता है. 

लेकिन केजरीवाल ने इसका गलत मतलब निकाल लिया " इसमें कोई संशय नहीं की अभी मेरा दुर्दिन चल रहा है, सफलता ने मुझसे वैराग्य लिया है,  लेकिन किसी भी प्रकार अभ्यास कर करके इस वैराग्य रूपी असफलता  को दूर  करूँगा". 

अब इनके लिए सफलता क्या ?? तो भाई "जिसके" लिए ये अन्ना को छोड़े हैं "वही" पा जाए तो ये सफल है. 

अब आप कहेंगे के इसने अन्ना को कहाँ छोड़ा है ? तो भाई इनकी हालत कुछ वैसी है जैसे एक "मोहतरमा" कहे " सुनिए जी  माना की हमारा तलाक हो गया है लेकिन आप भूल न जाना फुफेरे भाई -बहन हम अब भी है"

खैर कहते हैं इश्क अंधा होता है, लेकिन ये गलत है, इश्क भी कहीं अंधा हो सकता है ?? हर कोई देख परख के अपने हिसाब से छांट कर अपने मन के मंदिर में बिठाता है  तो अँधा कैसे ?? हाँ इसके बदले ये जरुर कहा जा सकता है की इश्क गंदा होता है,.. क्योकि एक बार छांट कर पाने की लालसा जागृत हो जाए इंसान गंदे से गंदे स्तर तक उतर सकता है. 

अरविन्द को भी किसी से इश्क हो गया है और  ये बुरा भी नहीं है, इश्क करना भी कहीं बुरा है ?? नहीं न ,  इसमें  बुरा मानने वाली बात नहीं है, लेकिन आश्चर्य की की जिस लड़के से पूछा जाए की तुम इससे  शादी करोगे ?? बोलो- बोलो करोगे, और लड़का कहे नहीं कभी नहीं , मै इससे नफरत करता हूँ, ये पतित है, वेश्या है.
चलो मान लिया लड़का समझदार है, तभी कुछ दिन बाद लड़का पता नहीं क्या देख उसी बालिका से सहर्ष विवाह करने के लिए ही नहीं तैयार होता बल्कि अपना घर द्वार , माँ - "बाप" सब छोड़ने को तैयार हो के घरजमाई बन, यह तर्क देता है की मुझे इस वेश्या को अपना के सुधारना है, वाह जी वाह मान गए  गुरु त्याग,  तुम तो इस मामले कोंग्रेसी मम्मी को भी पछाड़ दिए. 

ये कुछ एसा हो गया जैसे कोई कहे "शराब एक बुराई है , आओ ख़त्म करे, एक पैग तुम और एक पैग हम ख़त्म करे". 

खैर इसमें कोई संदेह नहीं की ये अरविन्द अजगर कोंग्रेस की मानस पुत्र  है,नहीं क्या मजाल जो मिडिया इतना कवरेज दे ??

सुब्रम्नाय्म स्वामी न जाने कितने सालो से सरे आम कागजात  सहित मिडिया को कोंग्रेस का सच दिखाते आ रहे हैं, लेकिन मिडिया ने शायद ही कभी तवज्जो दी, सरे आम "बन्देरा" पे आरोप लगाते हैं लेकिन मिडिया उनसे सबुत भी नहीं मागती, क्योकि उसको पता है की मिल जायेगा, जिससे सरकार के मम्मी जी की किरकिरी होगी और वो भी इस कदर की रोका न जा सकेगा, तो उससे बेहतर है की मम्मी के ही किसी नाजायज औलाद को हाईलाईट कर दो, कितना भी कहेगा, लेकिन माँ का प्यार औए बेटे का दुलार कभी अलग हुआ है ?? 

एक महीने पहले से विजय गोयल के पोस्टर डेल्ही भर में लगे हैं , की वो बिजली  महगाई कें खिलाफ मोर्चा खोलेंगे .... ये देख सरकार  ने अपनी नाजायज उत्पत्ति  अरविन्द  अजगर को आदेश दिया, बेटा अजगर मुद्दा हड़प लो, निगल लो तुम्हरे ही पेट में जायेगा, और तुम अपना आदमी हो .. विश्वाश न हो तो , कोई भी  देल्ही के किसी भी गली में जा के देख सकता है लोकल बन्दे से पूछ सकता है .

शायद आप लोगो को याद हो की चुनाव के दौरान आउल बाबा ने उत्तर प्रदेश में "क्रांति" हेतु किसी के चुनावी बिल फाड़े थे, उनके छोटे भाई केजरीवाल ने उसे बिजली का बिल समझ लिया. सो बड़े भाई की  राह पकड़ बिजली बिल फाड़ना शुरू कर दिया. अब कजरीवाल ने अपनी पुरानी माशूका "लोकपाल बिल" को छोड़ "बिजली बिल" से नैन लड़ा रहे हैं .

केजरीवाल देश के कानून की अवहेलना कर संविधान का अपमान कर रहे हैं और दूसरो को भी उकसा रहे हैं की कानून का पामान करो ये कहा तक सही है ? लेकिन ये समझ नहीं आता की सरकार केजरीवाल के लिए इतनी कोमल क्यों बनी हुयी है ?? उसे भी कानून से परहेज है या केजरीवाल से प्यार ?? क्या अब भी कोई नहीं मानेगा की कजरी सरकार की नाजायज उत्पत्ति नहीं ??

अब आप कहेंगे की उसने सरकार को चुनौती दी है  और ये साहसिक कार्य है, तो भाई देश के सारे माफिया, गुंडे ,बाल्त्कारी, हर दिन सरकार को चुनौती देते है, क्या हमें इसको भी साहसिक कार्य मानना चाहिए ??

जो गलत काम लोग पहले से ही करते आ रहे हो उसको कोई और सरकार का चहेता व्यक्ति करे तो ये और भी जघन्य अपराध है बजाय की सहानुभूति के,.

भाई मोहम्मद को जब इश्वर का ज्ञान प्राप्त हुआ तो उन्होंने दस हजार की सेना बना मारकाट करना शुरू कर दिया ताकि शांति लायी जा सके,  इसका मतलब तो ये भी की जो अरब  लुटेरे महाज्ञानी थे, क्योकि वो तो पहले से ही मारकाट करते थे ...और केजरीवाल को देश भक्ति जागी तो गैर कानूनी काम करने लगे.. इनसे बड़े देश भक्त तब तो देश के माफिया और कातिल है ..

खम्बे पे चढ़ बिजली का कनेक्शन जोड़ने से यदि क्रांति होती है या देश, समाज में बदलाव होता है तो सबसे पहले देश भर के दो लाख से भी जादा  "लाइन मैनो" को मेरा नमस्कार. बिजली कनेक्शन जोड़ो और क्रांति लाओ.

सम्बंधित लेख :-
गिरगिट गैंग के गिरगिट समर्थक 

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3 comments:

मनोज कुमार श्रीवास्तव said...

अच्‍छा इस कजरीवाल को विभीषण की श्रेणी में क्‍यों न रखा जाए, जिस पत्‍तल में खाया, उसी में छेद किया, जहां की नौकरी की, पैसे कमाए, मौका मिला तो उसे छोड़ भाग गया, जिस अन्‍ना की बदौलत नाम कमाया, शोहरत मिली, मौका मिला तो उसे ही लात मार दिया, कल ये हमें आपको पूछेगा, अमा काहे मुगालते में जी रहे हो

जनता को वोट डालने के लिए जागरूक करता है, खुद लाइन में खड़े होने से डरता है, इसका एक साथी थ, कार्टून कहीं का, देश के चिन्‍हों का मजाक उड़ा सेलेब्रेटी बन गया, आजकल बिग बास मे जम गया है, कार्टून कहीं का

मनोज कुमार श्रीवास्तव said...

अच्‍छा इस कजरीवाल को विभीषण की श्रेणी में क्‍यों न रखा जाए, जिस पत्‍तल में खाया, उसी में छेद किया, जहां की नौकरी की, पैसे कमाए, मौका मिला तो उसे छोड़ भाग गया, जिस अन्‍ना की बदौलत नाम कमाया, शोहरत मिली, मौका मिला तो उसे ही लात मार दिया, कल ये हमें आपको पूछेगा, अमा काहे मुगालते में जी रहे हो

जनता को वोट डालने के लिए जागरूक करता है, खुद लाइन में खड़े होने से डरता है, इसका एक साथी थ, कार्टून कहीं का, देश के चिन्‍हों का मजाक उड़ा सेलेब्रेटी बन गया, आजकल बिग बास मे जम गया है, कार्टून कहीं का

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