नारद: मेरा और प्रभु का संवाद

Thursday, September 8, 2011

मेरा और प्रभु का संवाद

पृथ्वी भ्रमण के बाद आज बहुत दिनों बद प्रभु के पास जाना हो पाया , देखा की प्रभु आराम से अपने समुन्द्र रूपी प्लाज्मा पे पृथ्वी के समाचार सुन रहे थे . देखते ही कहा

" कहो नारद क्या समाचार लाए हो पृथ्वी के " ????

"प्रभु  वहाँ के आचार का समाचार तो आप खुद देख रहें हैं  मै पृथ्वी पे भ्रमण कर कर के थक गया हूँ , अब न जाऊंगा , "

विष्णु : क्यों क्या हो गया ???

"वहाँ आजकल बम धमाके बहुत हो रहें हैं , वहाँ का कुकृत्य देख मै घबरा गया हूँ और नजर कमजोर हो गयी है  और आप मेरा भत्ता भी तो नहीं बढ़ाते , मेरी सारंगी भी पुरानी हो चुकी हैं , खडाऊ घीस गया है , अब यदि वहाँ भेजना हो तो एक बुलेट प्रूफ कार चाहिए , रीबोक के जूते स्पाईक  वाले , और एक स्पेनिश गिटार लगे हाथ एक अमर सिंह टाइप का चश्मा .....मंजूर हो तो बोलिए ..."

विष्णु : ये तो ब्लैक मेलिंग है , तुम भी कस्साब ग्रुप जैसे व्यवहार कर रहे हो , यम पूरी भेज दिया जायेगा तुमको ... 

"क्यों प्रभु , वहाँ तो लोग धमाके कर कर के बिरियानी खाते हैं , खून पिने के बाद , रसमलाई खाते हैं और हमको यम पूरी ??? मैंने किया ही क्या है ?? बस थोड़ी जरूरतें ही तो बताई हैं , "

"एक वहाँ की सरकार है , धमाको के बाद संतवाना देती है ,बिना कुछ किये वेतन भत्ता , कार का उपभोग करतें हैं ( और भी बाकि आंतरिक चीजे हैं जो हमको भी नहीं पता ) , और जब चाहते हैं मेज थपथपा के वेतन बड़वा लेते हैं .. और फिर कई जान जाने के बाद गन्दी गन्दी बातें करते हैं , कहते हैं वहाँ के लोग तो धमाको के आदि हो चुके हैं , हे प्रभु वो सब आप के बालक है , जो मरने वाला है वो भी और मारने वाला है वो भी , आप सिर्फ एक ही तरह के लोग बनाइये प्रभु , मारने  वाले को यमपुरी क्यों नहीं बुला लेते ??? "

विष्णु :  नारद ,पहली बात की बुलाने का अधिकार यमराज का है और वो भी आजकल ढंग से काम नहीं कर रहे भारत के नेतावों की तरह .   मै तो सबको एक ही फक्ट्री से निकालता हूँ , एक ही कच्चा माल इस्तमाल करता हूँ , इन्तिग्रेदेंत भी एक ही होता ,हाई क्वालिटी का पञ्च तत्व , लेकिन वहाँ पृथ्वी  पे जाने के बाद , डीफेक्टेड लोग नेता बन जाते हैं , और अपने भाई बंधुओं को ही मारने का षड़यंत्र रचातें हैं , सुनने में आया है की वहाँ की पूनम नाम की महिला अपने आप को बार बार उसी अवस्था में लाने  प्रयत्न करती है जिस अवस्था में हमने उसको यहाँ से भेजा था . उसको सन्देश भेजो की जब तक आतंकवादी न पकडे जाये ,तब तक वो उसी अवस्था में रहेगी जिस अवस्था में वो चाहती है ... 

"हे  प्रभु  वहाँ तो लोग खुद यमराज हो गएँ हैं , जिसको चाहते हैं यमपुरी भेजतें हैं , शायद उनका पृथ्वी के  यमराज ( नेता )  से कुछ साठगांठ  है न , और आपकी दूसरी बात की आपका सन्देश उस स्त्री तक न पंहुचा पाउँगा .तो ये न हो पायेगा , सुनने में आया है की 
"राउर गन्दी " ने कहाँ , की पूनम पांडे ने फिर किया देश के साथ धोखा , बार बार अपने वायदे से मुकर 

जाती है , और ये असंसदीय है जिसका हक सिर्फ हमें हैं , उन पर उन पर विशेषा हनन अधिकार लागु किया जाये , 

और संसद में बुलाकर कर उनका वायदा पूरा कराया जाये.  हे प्रभु यदि ऐसा कुछ हुआ तो मै भी संसदीय
" कारवाही देखने जाने से न रोक सकूंगा .."


विष्णु : क्या तुम्हारी मति भ्रष्ट हो गयी है ??? तुम्हे लज्जा न आती ऐसी बाते करने में ??? इन्द्र की अप्सराओं को देख देख के तुम बिगड चुके  हो , क्या तुम भी निर्लज्ज हो गए हो वहाँ के नेतावों की तरह .

वहाँ जनता त्राहि त्राहि  कर रही है और तुम इस तरह की बाते कर रहे हो ??
  

"प्रभु  मै क्या करू ?? बार बार वहाँ भेजेंगे तो कुछ मति भ्रष्ट तो हो गी न ?? वहाँ के एक मंत्री भी अप्सरा दर्शन कर रहे थे जब मुंबई  स्थान पे विस्फोट हुआ था पिछली बार .... "

विष्णु : हे नारद जब भस्मासुर पागल हो के दौड़ा था शंकर के पीछे तो मैंने अपना उपाय लगाया , लेकिन इन पृथ्वी के भस्मासुरों पे मेरी भी कलई नहीं लग रही , 

इनको पृथ्वी के भस्मासुर के भरोसे ही छोड़ दो , अब जाओ , हमें इमोशनल अत्याचार  देखना है और तुम भी समुन्दर में डुबकी लगा लो ..... 


कमल  ८ / ०९ / २०११