एक दिन मछरदानी के अन्दर एक मछर आ गया अभागा !!
मैंने सवाल दगा , हे दूत तुम कोन हो ??
कहा मैं मछर हूँ , खून चूसता हूँ , बीमारी फैलाता हूँ ,
मैंने कहा , सीधे सीधे क्यों नहीं कहते "नेता" हो ,
अभी भी मुर्ख बनाते हो , खून चूस के जाते हो ?
बोला हम तो बस आप लोगो पे निर्भर हैं , वों तो हमसे भी बड़े हैं ,
पूछा मैंने कैसे ? बोला हमको भगवन ने बनाया , उनको आप ने ,
पहले आप उनको बनाते है फिर उन्ही से बनते हैं
हम तो बस खून चूस्तें हैं , वो देश लूटते हैं ,
हमने कहा की उन्ही को चूसो , जो हमको चूसते हैं ,
उसने कहा आप तो आप हैं , ,
हम उनका कुछ नहीं कर सकते , वो हमारे बाप
1 comment:
का नारद जी, आजकल बैकुंठ के का हाल चाल?
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