नारद: शांति की राह मे एक और कदम

Monday, September 3, 2012

शांति की राह मे एक और कदम

(ये लगाया गया फोटो घटना स्थल का है -शान्ति के लिए शांति वाहको का यग्य) 

दो सितम्बर  २०१२ , शाम का वक्त, पुलिस वाले बैरिकेडिंग पे खैनी दबाते हुए  मुर्गा  ढूंढ रहे थे, लेकिन बदकिस्मती की शांति का वाहक मुल्ला मिल गया, भाई कमरुद्दीन जी, मस्ती से गाना आते हुए आ रहे थे, पुलिस वालो ने रूटीन चेकिं के तहत उनको रोकने की कोशिश की, लेकिन महाशय शान्ति अर्थात इस्लाम से होने के कारण लोक्तान्त्र्यीय व्यवस्था को अनसुना कर दिया, शायद  कोई खलीफा होता तो जरुर अदब से  रुक गए होते.  आपने न पुलिस की सुनी न कानून की, शायद अल्लाह की यही मर्ज़ी थी. 

खालिफाई क़ानून को ध्यान मे रख भाई कमरुद्दीन ने पुलिस की बिना सुने भागने लगे, कौन जाने कोई खालिफाई हथियार भी साथ हो, और पुलिस वाले खलीफा मे विश्वाश नहीं करते, सो शांति और संतुलन बनाने के लिए भागे होंगे. 

 पुलिस ने पीछे से इस शांति वाहक को डंडा मार जो अनर्गल किया उसे तो शायद ही खुदा माफ करे . फिर  घायल हुए भाई के साथी  जी तैश मे आये और फोन उठा अपने दूसरे इस्लामी शांति के वाहक  साथियो .... सलीम भाई, ज़ाहिद भाई, अज़हर भाई, इक़बाल भाई, अनवर भाई, शाहरुख भाई, अकरम भाई, शौकत भाई, शकील भाई, आफताब भाई,मोईन भाई, ज़ाकिर भाई, ज़ावेद भाई, सलमान भाई, शोइब भाई, लियाक़त भाई, बिलाल भाई, उस्मानभाई, मोहसिन भाई, ज़ब्बार भाई आदि आदि को बुलवा कर कई घंटे तक उस पुलिस की कारस्तानी का बदला लिया.  लगे हाथ शांति हेतु यग्य भी किया जिसमे आसपास की गाडियों की आहुति दी गयी, जो की एक अल्लाह वाहको का एक परम्परागत तरीका है, ठीक वैसे ही जैसे , मुंबई , लखनऊ, इलाहाबाद, कानपुर, असम मे आहुति की गयी. 

मामला बढ़ गया , सुना है दो दर्जन पुलिस वाले घायल भी  हुए हैं, और होना भी चाहिए, जो भी शांति और अल्लाह के शांति वाहको के रास्ते मे आएगा वो जायेगा.  अल्लाह हू अकबर 

3 comments:

प्रवीण गुप्ता - PRAVEEN GUPTA said...

भाई लोगो ये सरकारी दामाद हैं, इनके लिए सब कानून माफ हैं, चाहे ये एक बाइक पर पांच पांच बैठे, बिना हैलमेट के बैठे, लाल बत्ती पार करे इनके लिए कोई कानून नहीं हैं, सभी कानून हिन्दुओ के लिए हैं. झगड़ा ये लोग करते हैं, पकडे हिंदू जाते हैं, शान्ति व्यवस्था के नाम पर इन्हें कोई नहीं छूता हैं. वन्देमातरम..

प्रवीण गुप्ता - PRAVEEN GUPTA said...

भाई लोगो ये सरकारी दामाद हैं, इनके लिए सब कानून माफ हैं, चाहे ये एक बाइक पर पांच पांच बैठे, बिना हैलमेट के बैठे, लाल बत्ती पार करे इनके लिए कोई कानून नहीं हैं, सभी कानून हिन्दुओ के लिए हैं. झगड़ा ये लोग करते हैं, पकडे हिंदू जाते हैं, शान्ति व्यवस्था के नाम पर इन्हें कोई नहीं छूता हैं. वन्देमातरम..

दिगम्बर नासवा said...

आपके व्यंग की धार कहाँ तक जायगी ...