नारद

Thursday, April 26, 2012


प्रिय सचिन तेंदुलकर जी,

आप को राज्य सभा का सदस्य मनोनीत किये जाने की खबर पढ़ कर खुशी भी हुई और दुःख भी !! खुशी इसलिए कि आप जैसे नेक और विश्वप्रसिद्ध व्यक्ति को ये सम्मान दिया जा रहा है और दुःख इसलिए कि आप को इस गन्दी राजनीती का एक केवल मोहरा बनाया जा रहा है जिसमे आपका सिर्फ इस्तेमाल किया जाएगा. तीन सवाल आपसे करना चाहता हूँ-

१. क्या आप एक सांसद बनने के बाद अपने खेल को पूरा वक्त और ध्यान दे पाएंगे ?
२. क्या आप एक सांसद बनने के बाद देश का भविष्य तय करने वाली राजनीती को पूरा वक्त और ध्यान दे पाएंगे ?
३. क्या इतना वक्त होगा आपके पास वन-डे, टेस्ट क्रिकेट, IPL, 20-20 लीग इत्यादि खेलने के बाद कि आप भूख, गरीबी, बेरोज़गारी, भरष्टाचार, मंहगाई, लूट-पाट, अत्याचार, शोषण, स्वास्थ्य, सडक, बिजली, पानी, स्कूल इत्यादि से संबंधित मुद्दों की बहस में संसद में हिस्सा ले सकें ?

क्या आप नहीं समझ रहें कि आपका "इस्तेमाल" किया जाने वाला है....आप को एक शिखंडी की तरह आगे कर दिया गया है इस नए युग के महाभारत में...ताकि उन लोगों को बचाया जा सके जो लूट कर खा गये हैं देश को, जिनके भरष्टाचार की कोई सीमा नहीं, जो अरबों- खरबों से कम की बात नहीं करते.....

क्या नहीं दिखाई देते आपको भूख से बिलबिलाते हुए बच्चे, एक वक्त की रोटी को मोहताज 70 % जनसँख्या, फटे कपड़ों से तन ढकती एक गरीब माँ/ बहन, वासना का शिकार होती महिलाएं ( जिनकी सुरक्षा को पुलिस नहीं है पर जहाँ नेताओं की सुरक्षा पुख्ता है ), काला धन, बलात्कार, शोषण, अन्याय, असमानता....

हमने आज तक आप के मुँह से इन मुद्दों पर एक भी शब्द नहीं सुना...कभी आप सड़कों पर हमारे हकों के लिए लड़ने हमारे साथ नहीं आये...आप हमेशा चुप रहे, सिर्फ अपने खेल पर ध्यान दिया ..और हम लोगों ने भी आपसे कोई अपेक्षा नहीं रखी....आपने शतक पर शतक जमाकर, चौके- छक्कों और रनों का भंडार लगाकर इस देश को लोगों को उनकी मुसीबतों और दुखों को कुछ देर भुलाने में मदद की...हमारे लिए आपका यही योगदान बहुत है .

पर अब !! पर अब आप की इस प्रसिद्धि और महानता को एक मोहरा बनाया जा रहा है ताकि इस देश की जनता का ध्यान बंटाया जा सके, ताकि मुद्दों को पीछे छोड़ा जा सके....ताकि आप की आड़ में कांग्रेस के भरष्ट नेताओं की गंदगी को छुपाया जा सके....आप खुद बताईये आपको कैसे लगेगा जब आप को जनता देखेगी अख़बारों में- ए. राजा, कलमाड़ी, शरद पवार, कनिमोझी, लालू यादव, मनु सिंघवी जैसे नेताओं के साथ....

सचिन जी, जब भारत की जनता ने आपको " भगवान" का दर्ज़ा पहले से ही दे रखा है तो फिर आपको और कौन सा सम्मान चाहिए ? अगर आप इस पद को स्वीकारते हैं तो मैं आपको आगाह करना चाहता हूँ कि आने वाले वक्त में आप अपना दामन पाक- साफ़ नहीं रख पाएंगे !! गंदगी में उतरेंगे को छींटे पड़ेंगे ही !!!!!!!!

आपका शुभाकांक्षी,............

No comments: