आज कई दिन हो गए थे कुछ लिखे हुए,आज कुछ लिखना चाहता था मै ,
दिल टूटा , देश टूटा , व्यवस्था टूटी , फिर भी लिखना चाहता था मै ,
थक के चूर हो के जब घर आया , तो माँ ने कुछ लाने को बोल दिया ,दिल टूटा , देश टूटा , व्यवस्था टूटी , फिर भी लिखना चाहता था मै ,
सो लेने चला गया, नहीं लिख पाया, सोचा वापस आ के लिख लूँगा,
आग तो आग है, कभी भी जला लूँगा,
फिर वापस आया, सोचा अब लिख लूँ,
तभी ऑफिस का फोन आया, जिसने कुल डेढ़ घंटे चबाया,
सो फिर लिख नहीं पाया,
फोन खत्म होते ही समझ में आया, अब मै फ्री हूँ ,
सोचा लिख मारो ऐसा, कि तहलका हो जाये,
जैसे ही ये बात मेरे दिल में आई ,
तत्काल मेरी आत्मा मेरे सामने आई ,
रे मुरख क्या लिखेगा ??
किसकी धज्जी है उडानी ??
प्रेमिका के बारे में , उसको तू कभी रास न आया ,
एक काम कर, राजनीति पे लिख दे ,
हिट भी होंगे तेरे खाते में ,
आजकल मशहूर प्रोजेक्ट है बाबा , और अन्ना हैं मार्केट में ,
अब ये तू सोच , किसको है साथ में लाना ??
या इनको जोड़ , इस कुव्यवस्था में आग लगाना , ??
मैंने कहा ,
मै बेचारा , दिल का मारा ,
मै जिसको एक बार , मिला वो मिला न दुबारा ,
बेहतर कि मै कुछ कर लूँ ,
उससे भी बेहतर है कि कुछ लिख लूँ ,
जैसे ही लिखने चला ,
नजर पड़ी , पासबुक पर ,
जो हो चुका था निरीह , लाचार ,
मेरी तरह वो भी रो रहा था बेजार ,
तो सोचा , कल का काम तैयार कर लूँ ,
बेहतर है आज नहीं , कल या कभी और लिख लूँ ,
सो आज भी लिख नहीं पाया ,
फूटपात पे हूँ , सो अपना बिस्तर तक न गरमा पाया .
.हमेशा कि तरह , आज भी न सो पाया !!
(कमल) १ दिसंबर २०११
6 comments:
बहुत बढ़िया...मन की उधेड़बुन लिए भाव....
वाह भाई वाह भाई वाह भाई वाह |
सुन्दर सुन्दर सुन्दर भाई |
उत्तम उत्तम उत्तम भाई ||
सो आज भी लिख नहीं पाया ,
फूटपात पे हूँ , सो अपना बिस्तर तक न गरमा पाया ..हमेशा कि तरह , आज भी न सो पाया !!
बहुत खूब नारद जी...
वैसे आश्चर्य की विधि-वेदांत ज्ञाता को लिखने से पहले इतना मनन करना पड़ता है.... :-)
मन की कशमकश ...ज़ारी है ..और वो ऐसे ही बनी रहेगी ......आभार
जैसे ही लिखने चला ,
नजर पड़ी , पासबुक पर ,
जो हो चुका था निरीह , लाचार ,
मेरी तरह वो भी रो रहा था बेजार ,
तो सोचा , कल का काम तैयार कर लूँ ,
बेहतर है आज नहीं , कल या कभी और लिख लूँ ,
..kashmkash ke beech kab samay nikal jaata hai sach pata kahan chalta hai..
badiya prastuti
बढ़िया प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई.
ढेर सारी शुभकामनायें....!
संजय कुमार
हरियाणा
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
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