tag:blogger.com,1999:blog-1365366831884904761.post5263692808987367381..comments2023-10-31T02:35:40.949-07:00Comments on नारद: कोल्हू के बैलों का पत्र एन बी टी संपादक के नामकमल कुमार सिंह (नारद )http://www.blogger.com/profile/16086466001361632845noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-1365366831884904761.post-77848692039426969002012-07-03T08:53:54.216-07:002012-07-03T08:53:54.216-07:00बहुत सटीक लिखा है। आजकल जुटे रहो बैल की तरह, किन्त...बहुत सटीक लिखा है। आजकल जुटे रहो बैल की तरह, किन्तु पूछ परख कोई नहीं।ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1365366831884904761.post-14111578633146443632012-07-02T07:14:23.101-07:002012-07-02T07:14:23.101-07:00बाबा की कृपा हुई तो बैल बनारसी सांड़ बन सकता है पर...बाबा की कृपा हुई तो बैल बनारसी सांड़ बन सकता है पर आदमी नहीं।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1365366831884904761.post-86379084545092974322012-07-02T04:19:20.075-07:002012-07-02T04:19:20.075-07:00:):)kanu.....https://www.blogger.com/profile/16556686104218337506noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1365366831884904761.post-33307106600354696612012-07-01T23:02:46.663-07:002012-07-01T23:02:46.663-07:00बहुत ही अच्छा जी ...बहुत ही अच्छा जी ...Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/04682604326018796020noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1365366831884904761.post-47361907085012791282012-07-01T12:45:34.783-07:002012-07-01T12:45:34.783-07:00सुन्दर पत्र लेखन कला .पारखी चाहिए .एन बी टी सुपात्...सुन्दर पत्र लेखन कला .पारखी चाहिए .एन बी टी सुपात्र नहीं है .. .बहुत सुन्दर है . बहुत बढ़िया प्रस्तुति .. .कृपया यहाँ भी पधारें -<br />ram ram bhai<br /><br />रविवार, 1 जुलाई 2012<br />कैसे होय भीति में प्रसव गोसाईं ?<br /><br />डरा सो मरा <br />http://veerubhai1947.blogspot.com/virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1365366831884904761.post-69505245912721521402012-07-01T12:42:56.165-07:002012-07-01T12:42:56.165-07:00सुन्दर पत्र लेखन कला .पारखी चाहिए .एन बी टी सुपात्...सुन्दर पत्र लेखन कला .पारखी चाहिए .एन बी टी सुपात्र नहीं है .. .बहुत सुन्दर है . बहुत बढ़िया प्रस्तुति .. .कृपया यहाँ भी पधारें -<br />ram ram bhai<br /><br />रविवार, 1 जुलाई 2012<br />कैसे होय भीति में प्रसव गोसाईं ?<br /><br />डरा सो मरा <br />http://veerubhai1947.blogspot.com/virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1365366831884904761.post-89245611344385057142012-07-01T08:55:16.822-07:002012-07-01T08:55:16.822-07:00बिना बुलाये बहकता, गोबर करके जाय |
हुआ मार का हक़ ...बिना बुलाये बहकता, गोबर करके जाय |<br />हुआ मार का हक़ ख़तम, बैल नधा अकुलाय |<br />बैल नधा अकुलाय, हुआ था बधिया पहले |<br />कोल्हू-रहट चलाय, कलेजा अब तो दहले |<br />बैल मुझे आ मार, नहीं तेली बोलेगा |<br />जब तक करे बेगार, पगहिया ना खोलेगा ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1365366831884904761.post-17843997577137295642012-07-01T08:02:59.490-07:002012-07-01T08:02:59.490-07:00बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन
क्या व्याख्या की है, ...बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन<br /><br /><br />क्या व्याख्या की है, कर्मण्येवाधिकारस्ते की ,,,,,,, कोल्हू का बैल, दिन भर खटो पर भोजन की इच्छा मत करो<br /><br />पत्र लेखन विधा अपने आप में निराली है , अब लगता है कमल भाई ने सही ट्रैक पकड़ा है,मनोज कुमार श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17345943104372024070noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1365366831884904761.post-1091997766492713942012-07-01T07:40:55.074-07:002012-07-01T07:40:55.074-07:00आपकी पत्रलेखन विधा बहुत अच्छी लगी।आपकी पत्रलेखन विधा बहुत अच्छी लगी।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com