tag:blogger.com,1999:blog-1365366831884904761.post4120606567850856858..comments2023-10-31T02:35:40.949-07:00Comments on नारद: मौनी बाबाकमल कुमार सिंह (नारद )http://www.blogger.com/profile/16086466001361632845noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-1365366831884904761.post-41819619224552805192012-03-04T05:44:44.832-08:002012-03-04T05:44:44.832-08:00हा हा हा.......सांप को छोड़ सम्पोलों पर प्रहार.......हा हा हा.......सांप को छोड़ सम्पोलों पर प्रहार........माफ़ करना कमल बाबू न ही वह धार है और न ही वह तीखापन जो दूसरे धर्मों को कोसने में नज़र आता है.... फिर बड़े नाम लेने से क्यों बचे आप...???<br /><br />और खेत तो चिड़े ने चुगा......मनोज कुमार श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17345943104372024070noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1365366831884904761.post-92148483531436172452011-11-28T18:57:57.614-08:002011-11-28T18:57:57.614-08:00ढोंगी बाबाओं की खूब उतारी है । पर लोग तो ठगे जाते ...ढोंगी बाबाओं की खूब उतारी है । पर लोग तो ठगे जाते ही हैं ।<br />सुंदर चित्रण .Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1365366831884904761.post-33877842130208231132011-11-25T03:01:45.677-08:002011-11-25T03:01:45.677-08:00क्या लिखा है आपने :))
सादर...क्या लिखा है आपने :))<br /><br />सादर...S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1365366831884904761.post-91588052388433467122011-11-24T22:54:32.158-08:002011-11-24T22:54:32.158-08:00sachchaai ko bakhoobi, bade manoranjak andaz me pr...sachchaai ko bakhoobi, bade manoranjak andaz me prastut kiya hai..सुरेन्द्र सिंह " झंझट "https://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1365366831884904761.post-13880076096908956132011-11-22T23:45:12.373-08:002011-11-22T23:45:12.373-08:00कमल भाई...!! आपकी कल्पना की उड़ान काफी अच्छी हैं ...कमल भाई...!! आपकी कल्पना की उड़ान काफी अच्छी हैं !! पढ़ की गाव की महक आ गयी !! फर्निवर नाथ रेनू की कृति ...मैला आचल, लाल पान की बगुम,पञ्च लाइट...... आपकी सोच उस उचाई तक की हैं !! जारी रखिये !!Anshuman Vermahttps://www.blogger.com/profile/03037408707184037075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1365366831884904761.post-75865631706297404052011-11-22T20:43:03.593-08:002011-11-22T20:43:03.593-08:00धार आ गयी है कलम में। मजा आ गया एक दम ठांय ठांयधार आ गयी है कलम में। मजा आ गया एक दम ठांय ठांयArunesh c davehttps://www.blogger.com/profile/15937198978776148264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1365366831884904761.post-11539347360198476712011-11-22T12:23:21.878-08:002011-11-22T12:23:21.878-08:00आपकी कलम दिल छूती है,, कहाँ कहाँ नहीं ले जाती है.....आपकी कलम दिल छूती है,, कहाँ कहाँ नहीं ले जाती है.. आपको सायद नहीं पता होगा .. लेकिन आपकी लेखनी को मैंने कई बार पढ़ा है.. मैं कहूँगा की ये सबसे अच्छा है.. बहुत उम्दा.. बहुत दिनों बाद कलम की भाषा सुनी जो वक्ता और वक्त से भी प्रगाढ़ हो..Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/10716581593873280857noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1365366831884904761.post-19752288576544006222011-11-22T08:49:53.928-08:002011-11-22T08:49:53.928-08:00हमारे खुनी रिश्ते ( ब्लड रिलेशन ) वाले बाबा का चेह...हमारे खुनी रिश्ते ( ब्लड रिलेशन ) वाले बाबा का चेहरा आज के अन्ना जी से काफी मिलता था, आज हम अन्ना को देख के वशीभूत हो जाते है, लेकिन अन्ना से विचारधारा इनकी अलग थी, चलने फिरने में तकलीफ होती थी उनको शायद इसलिए उन्होंने हिंसा का रास्ता अपना लिया था, दिन में दस बार लाठी फेंक के मारते थे,<br />आपकी रचना की इस भावना से सहमत हूँ ...की "बाबा" नाम लेते ही आजकल पारिवारिक कम राजनैतिक भावना ज्यादा बलवती होती है...आखिर बाबाओं का ज़माना है:-)...हा हा हा हा बहुत ही रोचक लेखन है आपका..बधाई .....यूहीं जारी रखियेDr.Madhoolika Tripathihttps://www.blogger.com/profile/16206269164192328435noreply@blogger.com