नारद: कोंग्रेस की नीचता.

Wednesday, April 25, 2012

कोंग्रेस की नीचता.


कोंग्रेस शब्द का अर्थ  मै  अपने पिछले लेख में बता चूका हूँ तो उसपे चर्चा नहीं करूँगा, वो मदेरणा और सिंघवी जैसे  कोंग्रेसी गाहे बगाहे व्यवहारिक रूप में खुद करके "कोंग्रेस " नाम को सार्थक कर देते है. लेकिन इसके इतर भी कुछ कार्य है इसे है जो नीचता पूर्ण है जिसको करने से कोंग्रेसी नहीं चुकते है. सेना वाला मामला पुरे देश को मालूम है , ये दो कौड़ी के ऐयाश नेता सेना तक को नहीं बख्शते है, सी बी आई तक को अपना रखैल बवाना के रखने वाले कोंग्रेसियों का एक नया खुलासा सामने आया है, इन्डियन एक्सप्रेस अखबार ने अपने खबर में छपा है की सी बी आई के साथ साथ ही " रास्ट्रीय जांच एजेंसी" को भी सत्ता में काबिज कोंग्रेसियों ने अपना रखैल बना लिया है.  
और इन्ही कोंग्रेसियों के इशारे पे "नॅशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी"  ने अजमेर ब्लास्ट मामले में  शामिल   दो आरोपियों को १ करोर रूपये देने का लालच सिर्फ इस लिए दिया की वो बस आर एस एस वालो का नाम ले लें की वो भी शाजिश में शामिल हैं.  यानि ब्लास्ट के  शाजिश में आर एस एस के लोगो को शामिल कराने की शाजिश के लिए एक करोर  रुपया...  हे  काम  पिपासु कोंग्रेसियों इतना दिमाग और कुशलता इस देश के लिए लगाओ तो हर एक हिन्दुस्तानी तुम्हारा गुलाम हो जायेगा, लेकिन नहीं,  ये सत्ता के  लोलुप  ही इसलिए रहते हिं की देश को गर्त में ढकेले, ये सत्ता में आते ही इसलिए हैं की इनकी काम कमाना शांत हो सके चाहे जैसे भी , ये सत्ता में आते ही इसलिए हैं की निर्दोष को फसा  सके.

इनकी सरकार सत्ता में आते ही योग्य पदों पे लोग किसी भी अहर्ता को किनारे कर दिया जाता है यदि उनके पास  कोंग्रेसियों की काम कामना शांत करने का जज्बा हो तो. हमारी कुशल मीडिया इन कोंग्रेसियों की इस कुशलता को बड़े कुशलता से छुपा लेती है मानो ये भी "साथ - साथ " होने का दम भर रही हों. 
और देश की निरीह जनता इन सब बातो से अनजान, इनके पीछे पीछे जिंदाबाद -मुर्दाबाद के नारे लगाते लगाते नहीं थकते.  कुछ तो कोंग्रेसी के फलोवर ताउम्र सब कुछ जानते हुए भी बने रहना चाहते हैं, शायद इस लालच में की कौन जाने  कोंग्रेस की नज़ारे इनायत हो और उनपर भी  किसी महिला  वकील  की कृपा बरसे या कौन जाने   एन आई  ए टाइप की कृपा इनको भी प्राप्त हो जाए.  

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